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Sunday, March 27, 2011

10.अच्छा लगता है


मुझे तुम्हारा आँख चुराना अच्छा लगता है 
१ पल में रूठना फिर मन जाना अच्छा लगता है
खुद तुम मुझे छुपा कर देखो मै देखूं तो चुप जाना
ना ना कर तेरा मेरे बाँहों में आना अच्छा लगता है
नव प्रभात कि किरणों का आना 
तुमको अपने सपने में पाना अच्छा लगता है 
पीपल के डाली सा इतराना 
कभी इतराना कभी नैन मटकाना
मासूम सा फिर चेहरा बनाना अच्छा लगता है
जीवन गुजारूं बस तेरे ही बाँहों में
तेरे बाँहों में सोना अच्छा लगता है 

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