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Sunday, March 27, 2011

7.हर पल रोने कि आदत नहीं


ऐ दिल तू उदास  ना होना
चाहे कितना भी आए रोना
तू अलबेली तू है अनमोल
खुल के जरा गम अपने बोल

बाँट दे कुछ अपने गम का हिस्सा
सुना मुझे वो करूँ किस्सा
जिसे झेल के तू है रोई
कई रातों से अब तक ना सोई

इन्तजार अब ही होता है तेरा
होना ना सकी तू मेरी और मै तेरा
फिर भी १ गुंजाईश कि उम्मीद
लगाये बैठा है दिल मेरा

दूरियां चाहे हो अनंत
होगा उसका भी सुखद अंत
मै जरुर १ दिन आऊंगा
बस्टर ही हो कर रह जाऊंगा

ना कभी चाही दुनिया भर कि दौलत 
ना ही कोई हीरे और मोती
अरमान सजाये बस १ ही
काश जो तुम मेरी होती

हाँ चालिया था मै बड़ा
पर प्यार वो मेरा निश्छल था
ऐसी सच्चे प्यार का क्या
१ सुनहरा ये फल था ??

BJ ने मुस्किल से दिल लगाया
१ बार फिर से ठोकर खाया
अब और ठोकर कि चाहत नहीं 
मुझे अब हर पल रोने कि आदत नहीं

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