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Wednesday, March 23, 2011

3.दादी का संदूक


दादी का संदूक बड़ा निराला
हुआ धुंए से काफी काला
पीछे से है वो खुल जाता
आगे से लटका रहता है ताला
दादी का संदूक बड़ा निराला

             चन्दन की चौकी देखि है उसमे
             सुखी लौकी भी देखि है उसमे
             चुड़ा थोडा देखा है उसमे
             खली जगहों में लगा है जाला
             दादी का संदूक बड़ा निराला

शीशी भर गंगाजल है उसमे
'साबुन की टिकिया और चावल है उसमे
चींटी झींगुर भी है उसमे
मच्छर को भी है उसमे पाला
दादी का संदूक बड़ा निराला

              मिलता उसमे कागज़ कोरा
              मिलता उसमे सुई व डोरा
              मिलता उसमे ताम्र कटोरा
              मिलती है उसमे मोती की माला
             दादी का संदूक बड़ा निराला 

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