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Friday, April 22, 2011

34. तो ये BJ क्या करे


तेरी सूरत निगाहों में फिरती रहे,इश्क तेरा सताए तो दिल क्या करे ,
कोई इतना तो आ कर बता दे मुझे,जब तेरी याद आये तो ये BJ क्या करे .
मैंने खाक-ऐ - नशेमन को बोसे दिए,और कह कर ये दिल को समझा लिया,
आशियाँ बनाना मेरा काम था,कोई बिजली गिराएतो ये BJ क्या करे.
मैंने मांगी थी ये ऊपर वाले से दुआ, मै जिसे चाहता हूँ वो मुझ को मिले,
जो मेरा फ़र्ज़ था वो मैंने पूरा किया,अब खुदा ही ना चाहेतो ये BJ क्या करे.
ना लगे जाम पे हाथ ये शर्त है,जाए जो मयकदे को वो कमज़र्फ है,
मुझ को तोहमत ना दो,मै शराबी नहीं,वो नज़र से पिलायेतो ये BJ क्या करे.
इश्क,ईमान दोनों में तफरीक है,और दोनों पे मेरा ईमान है,
जो खुदा रूठ जाये तो सजदे करूँ,और सनम रूठ जाये तो ये BJ क्या करे ?

Saturday, April 16, 2011

33."q tumse dil lagaye the"


Maine v pyar kiya tha kabhi,
aur thokar v khaya tha.
sochta hun ae dilnasheen,
q tumse dil lagaya tha.

Manta hun sara kusur tha mera,
par aap man bhi tho sakte the.
Ye nachiz aapka aziz hota,
ye aazma bhi sakte the.

Mai kabhi ye gam na manaun,
ki maine aapka dil toda.
mai kabhi kadam wapas na liye,
aapne hi mera daman choda.

mujhe yakeen hai apne hathon ke lakeeron par.
yaad aapko aksar aaunga.
aap aa jan kuch waqt nikal kar,
qki jald hi bahut dur chala jaunga.

Yun khush hua aapko pakar,
fir zindagi ke sare haseen pal paye the,
turant hi chal diye tum fir mudke,
fir ham gam manaye ki "q tumse dil lagaye the".

32.queue का युग


आज का युग queue का युग है 
जहा भी जाईये queue में आइये 
भाषण देना है तो queue में आइये 
राशन लेना है तो queue में आइये 

एक बार इसी बात पर 
मिली जज्बात पर 
किसी "अपने " से हुआ मेरा झगडा 
वो भी मामूली नहीं तगड़ा 

मै भी आ गया ताव में
चला आत्महत्या करने
किसी पहाड़ से कूद कर मरने 

पहाड़ पर चढ़कर आगे बढ़कर 
ज्योंही कदम को आगे बढाया 
किसी ने जोड़ से खीचकर 
मुझको पीछे हटाया 

अरे भाई ,queue में आइये 
पहले मेरा नंबर है 
2 october से खड़ा हूँ 
आज 14 november है

31.आसमान में चमकता सितारा है तू


आसमान में चमकता सितारा है तू 
तुझे जमीं पर लाऊंगा मैं
ये मेरा वादा है तुमसे 
तुझे अपना पर लाऊंगा मैं 

तू चमकता सितारा  दूर का
तुझ तक पहुँचने कि सीढ़ी बनाऊंगा मैं
ये मेरा वादा है तुमसे 
तुझे अपना बनाऊंगा मैं

तिनका तिनका जोड़कर 
१ सपना सजाने दो 
इससे पहले सरे ख्वाब को
हकीकत में बदल जाने दो 

क्योंकि दुनिया खोजती है
 १ सफल इंसान 
कुछ ना कुछ बन जाने दो 
मै नहीं चाहता तुम भी मेरे संग दुनिया कि ठोकड़ खाओ
तुम्हे साथ लाने से पहले कुछ बनकर दिखाऊंगा मैं
ये मेरा वादा है तुमसे तुझे अपना बनाऊंगा मै 

हो सकता है कभी नफरत करो तुमभी मुझसे 
वो कुछ गलतियाँ कि थी मैंने 
मै कसम खता हूँ उन्हें फिर ना कभी दुहराऊंगा 
इंतज़ार करना तुम कुछ दिन १ सच्चा दिल लेके आऊंगा मैं 
ये मेरा वादा है तुमसे तुझे अपना बनाऊंगा मैं

30.टोपी वाला छोटा बन्दर


टोपी वाला छोटा बन्दर
जा पहुंचा सर्कस के अन्दर 
पहले तो झूले पर झुला
झुला तो फिर सुध-बुध भुला

फिसल पड़ा जा गिरा धराम
पूंछ ना उसके आया कम 
गिरा शेर के पिंजड़े के अन्दर 
टोपी वाला छोटा बन्दर

डर के मारे मर गयी नानी 
लगा मांगने पानी-पानी
कहा शेर ने उसे उठाकर
पानी है थर्मस के अन्दर

पीकर चल देना तू भाई 
मुझे जोर कि नींद है आई 

29."सिर्फ तुम "


वसंत का था वो महिना जब 
झोंका तेज हवा कि लहराई थी
14 feb था, दिन वो जब 
याद तुम्हारी आई थी 

आज कि शाम को 
महफ़िल काफी जमी थी
आये थे सब मगर 
सिर्फ तेरी ही कमी थी 

वसंत का खुशबु भरा झोंका 
दिल को तरसा सि जाती थी 
हर तरफ चाय खुमार 
पर याद तुम्हारी आती थी 

आपका १३ को रूठना 
फिर मुझे याद भी करना 
आपसे प्यार कि चाहत 
और छोटे बातों पर लड़ना

आप रूठे हम मनाये 
आप खाएं हम खिलाएं 
आपकी छोटी गलतियों पर 
आप डरें और मुझे हसाएं 

मुझे याद है आपकी हर हरकत 
कुत्तों से डरना फिर डर के चिल्लाना 
साया मेरा लेके खुद को बचाना
फिर जोर से हँसाना मुझे भी हँसाना

हंसी आपकी जैसे झड़ने का पानी 
हंस कर हाथो को जोड़ से हिलाना 
कहकहे लगाके यूँ मुस्कुराना 
गुस्सा में खुद पर यूँ बडबडाना

रूठ कर भी दूर ना जाना
जन्मदिन का केक भिजवाना 
साथ में वो फूल कि बुके 
भिजवाकर मुझे रुलाना

आज भी वो याद है 
आपका प्यार आपका दुलार 
तुम गए क्यूँ मुझे छोड़ कर
ऐ मेरे हमदम ऐ मेरे प्यार

मै जनता हूँ सायद कभी आप माफ़ ना करो मुझे
फिर भी १ कोशिश कर लेना 
बहुत प्यार करता है ये BJ आपसे 
सिर्फ १ मौका और देना 

आपकी बिना ये पल हम गुजार ना सकेंगे 
ज़िन्दगी कि रह को ना बिता सकेंगे  
आपके बिना हम हैं अधूरे 
पूरा किसी ख्वाब को कर ना सकेंगे 

इन्ही सोचों में ना जाने कहाँ 
दिल हो जाता है अक्सर गुम
मै जनता हूँ ऐ हमनशीं 
दिल चुराने वाले हो 
"सिर्फ तुम सिर्फ तुम"

28.आपकी याद दिलाती है


आपकी याद में तन्हा
आपकी यादों में खोया रहता हूँ 
गए आप क्यूँ मुझे छोड़कर 
सोच के रोया करता हूँ 

शायद वो थी आपकी वफाई
मैंने कि कुछ थी वेवफाई 
कुछ राजों को था मैंने छुपाया 
शायद इसीलिए कुछ पल आपके करीब आया 

डरता था कि हकीकत जान कर 
आप भी छोड़ दोगे मेरा हाथ  
कुछ सच छुपाके था मिला 
आपका वो खुबसूरत साथ 

आपके बिना ना मर पाया 
नहीं ही चैन से जिया है 
मिल चुकी थोड़ी सजा
जो गलती BJ ने किया है 

आ जाओ लौट कर बहार बनके 
१ एहसान और कर दो 
सुनी पड़ी है ज़िन्दगी मेरी
फिर से इसे रौशन कर दो 

आपकी अनदेखी अब  मुझे 
अक्सर ही रुलाती है 
आपका हँसना और हँसाना 
आपकी याद दिलाती है 

27.मुफलिसी कि यही निशानी


उघडा पर्स ,टूटी चप्पल
बेरंग कपडे , जेब है खाली
मुफलिसी कि यही निशानी 
       खाने के डब्बे में रोज
       नापसंद सब्जियों के टुकड़े
       क्योंकि होती है वो ज्यादा सस्ती
       ४ कि जगह उसे सिर्फ २ ही खानी 
        मुफलिसी कि यही निशानी
१० रुपैये के टिकिट के  बजाय
५ रुपैये कि टिकिट चुपके से लेना 
भर लाता  है जिसके आँखों में पानी
मुफलिसी कि यही निशानी
        मुन्ने कि पुरानी स्कूली ड्रेस को रंगवाना
         सिने में उथलपुथल हो फिर भी 
         होंठो पर मुस्कराहट का लेबल चिपकाना
         हर जरुरत को अगले महीने तलने कि कहानी 
         मुफलिसी कि यही निशानी

26.बेचारी


फटे पुराने कपड़ों में
ले ली उसने १ अंगराई
मुस्कान थी उसकी बिलकुल झूठी
आँखों में सागर से गहरी खाई 

         झूठे पत्तलों को छांटना 
         दो दानों को निकालती वो
         डर के खाती  १ दाना 
         बाकी को संभालता वो 
कुछ कुत्ते उसके पीछे पड़े
उनसे भी उसे जूझना था
भूखे बच्चों कि खातिर 
और दाने भी चुनना था 
        चाहत थी उसकी मुट्ठी भर खाने कि
         पर यहाँ कुछ दाने भी मुस्किल हुई 
        समेत कर चल दी  बेचारी 
        जो चंद दाने उसे हासिल हुई 
मुस्कुराना गुनगुनाना
 सब झूठी उसकी कहानी थी 
हालत उसकी भली हो ऐसी
पर दुनिया से अनजानी थी 

25.BJ के ख्यालों में आने वाली


वो बलखाती तितली सि
नादान सि वो भोली भाली
हंसती  तो झुक जाते उसके लट
जैसे बसंत में आम कि डाली 
            उसका हँसना मुस्कुराना 
            जिद करना फिर इतराना
             अल्हड़पन में कुछ कर जाना
           फिर घबराना और शरमाना
कोयल जैसी बोली उसकी
हिरनी जैसी चाल
हज़ार पर्दों के जैसे
उसके सुनहरे बाल
           वो कोई दीवानी सि होगी
            BJ के ख्यालों में आने वाली 
           रंग उसके दूध से सफ़ेद 
           गालों कि रंगत थोड़ी लाली
पता नहीं वो होगी कहाँ
उसका क्या है पता
सोचता हूँ जब कभी  ऐसा
पाता हूँ खुद को लापता

24.१ पत्थर से दिल लगाये बैठा हूँ


वो प्यार था या गलती 
जिसका ना था मुझे एहसास
सागर क था बिलकुल करीब
पर थी १ बूंद कि प्यास
       पाने को जिसके खातिर
      मैंने जीना सुरु किया  
       कुछ अंतरालों में
       मुझसे खुद को दूर किया
जिसकी उम्मीद लगा रखी थी मैंने
उसने ही मुझे अकेला छोड़ा 
अरमानो के सपने दिखा कर
उसने झट से नाता तोडा
     जब से है वो मुझसे रूठी
     प्यार १ बकवास है 
     बात सारी उसकी झूठी
उम्मीद में उसके आज भी मैं
सैकड़ों दिए जलाये बैठा हूँ
आस नहीं उसके आने कि
पर क्या करूँ???
१ पत्थर से दिल लगाये  बैठा हूँ 

23."q tumse dil lagaye the"


Maine v pyar kiya tha kabhi,
aur thokar v khaya tha.
sochta hun ae dilnasheen,
q tumse dil lagaya tha.

Manta hun sara kusur tha mera,
par aap man bhi tho sakte the.
Ye nachiz aapka aziz hota,
ye aazma bhi sakte the.

Mai kabhi ye gam na manaun,
ki maine aapka dil toda.
mai kabhi kadam wapas na liye,
aapne hi mera daman choda.

mujhe yakeen hai apne hathon ke lakeeron par.
yaad aapko aksar aaunga.
aap aa jan kuch waqt nikal kar,
qki jald hi bahut dur chala jaunga.

Yun khush hua aapko pakar,
fir zindagi ke sare haseen pal paye the,
turant hi chal diye tum fir mudke,
fir ham gam manaye ki "q tumse dil lagaye the".

22.Manzil



Chalte Ja Rahian Hain Andhere Main Unhi
Saath Chirag Nahi JO Dikhaye Manzil Humsafa Nahi
Maqsade Zindagi Har Kisi Ka Koina Koi Hota Hai
Hamara Maqsade Zindagi Kiya Hai Hum Jante Nahi
Manzil Ki Talash Me Jo Nikle Na Manzil Mili Na Rasta
Andhera Chaya Howa Hai Harso Koi Chirag Jalta Nahi
Us Taq Punchna Asaan Nahi Jante Hain Hum
Apna Lainge Woh Rasta Jo Un Ki Rahon Se Milta Ho
Unko Chana,Chate Rehna Aik imtehan Hai
Payega Mohabbat Woh,Nafrat Ko Bhi Mohabbat Samjhe Jo.

21.चाँदनी को क्या हुआ..



चाँदनी को क्या हुआ कि आग बरसाने लगी
झुरमुटों को छोड़कर चिड़िया कहीं जाने लगी

पेड़ अब सहमे हुए हैं देखकर कुल्हाड़ियाँ
आज तो छाया भी उनकी डर से घबराने लगी

जिस नदी के तीर पर बैठा किए थे हम कभी
उस नदी की हर लहर अब तो सितम ढाने लगी

वादियों में जान का ख़तरा बढ़ा जब से बहुत
अब तो वहाँ पुरवाई भी जाने से कतराने लगी

जिस जगह चौपाल सजती थी अंधेरा है वहाँ
इसलिए कि मौत बनकर रात जो आने लगी

जिस जगह कभी किलकारियों का था हुजूम
आज देखो उस जगह भी मुर्दनी छाने लगी

20.शुक्रिया


चोटों पे चोट देते ही जाने का शुक्रिया
पत्थर को बुत की शक्ल में लाने का शुक्रिया

जागा रहा तो मैंने नए काम कर लिए
ऐ नींद आज तेरे न आने का शुक्रिया

सूखा पुराना जख्म नए को जगह मिली
स्वागत नए का और पुराने का शुक्रिया

आती न तुम तो क्यों मैं बनाता ये सीढ़ियाँ
दीवारों, मेरी राह में आने का शुक्रिया

आँसू-सा माँ की गोद में आकर सिमट गया
नजरों से अपनी मुझको गिराने का शुक्रिया

अब यह हुआ कि दुनिया ही लगती है मुझको घर
यूँ मेरे घर में आग लगाने का शुक्रिया

गम मिलते हैं तो और निखरती है शायरी
यह बात है तो सारे जमाने का शुक्रिया

अब मुझको आ गए हैं मनाने के सब हुनर
यूँ मुझसे "किस्मत" रूठ के जाने का शुक्रिया

19.रोना आता है सिर्फ अपने ऊपर


हमने क्या कि थी खता
ऐ खुदा अब ये बता
क्यूँ किया उनसे दूर 
क्यूँ किया हमें मजबूर

हंस ना पाते हैं  १ पल
पता नहीं अब होगा क्या कल
अब तन्हा हुए इस सफ़र में
तलाश है १ हमसफ़र कि हमें

कुछ गलतियाँ कि थी मैंने
कुछ में थी मेरी नादानी
डरता हूँ अब अपने कल से
मिली मुझे सिर्फ बदनामी

लौटा दो मेरे उस दिन को फिर से
ये १ विनती है अब तुमसे
सर्मिन्दा हूँ बहुत जो कुछ भी मैंने किया
उन हसीं पल का तुझे शुक्रिया

अब और इम्तिहान मत लेना
फिर किसी को ये गम ना देना
मुशिकिल बहुत होती है इनमे
परीस्थी मै हूँ जिनमे

कभी कभी होता हूँ निराश
जब कभी ना पाऊं उसे अपने पास
उन प्यार भरे लम्हों का एहसास
मेरे दिल कि थी वो प्यास

अब और ना लिख सकता हूँ इनपर
भरोसा किया इतना ज्यादा जिनपर
तोड़ के दिल वो चले गए
रोना आता है सिर्फ अपने ऊपर

18.गम


अपने गम को सिने में दफ़न करके 
मुस्कुराये जाता हूँ मैं 
तनहाइयों में खुद से बातें करके
खुद को बहलाए जाता हूँ मैं 
अपने रिसते जख्मों पे 
खुद ही मलहम लगाये जाता हूँ मैं 
कितनी मुदतो से अपने आंसुओं को 
हंसी में छुपाये जाता हूँ मैं 
भले ही टूटे मेरा दिल 

तुमसे प्यार आज भी है 
तेरे लिए मेरे दिल में 

वो बहार आज भी है 
जिस राह चल दिए तुम मेरा साथ छोड़ कर 

उसी राह में तेरे आशिकी कि 
मज़ार आज भी है 


अचानक मोहब्बत कर बैठे हम 
क्या पाता था अंधेरो में कही खो जायेंगे
भुला बैठे थे अपनों को ही हम 
क्या पाता था आखिर लौट कर उनके पास ही आयेंगे