POEMS FROM BJ
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Sunday, March 27, 2011
9.मुझमे मिल जाना
मै सुर बनू
तुम अल्फाज़ देना
मै ले बनू
तुम अंदाज देना
मै साया बनू
तुम साथ चलना
मै हवा बनू
तुम डाली सि मचलना
काश मै चाँद बनू
तुम तारों सि टिमटिमाना
खूब मचलना
खूब झिलमिलाना
सफ़र है बड़ा
ऐ हमसफ़र मेरे
हर मोड़ पर तुम यूँ
आना और मुझमे मिल जाना
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