वसंत का था वो महिना जब
झोंका तेज हवा कि लहराई थी
14 feb था, दिन वो जब
याद तुम्हारी आई थी
आज कि शाम को
महफ़िल काफी जमी थी
आये थे सब मगर
सिर्फ तेरी ही कमी थी
वसंत का खुशबु भरा झोंका
दिल को तरसा सि जाती थी
हर तरफ चाय खुमार
पर याद तुम्हारी आती थी
आपका १३ को रूठना
फिर मुझे याद भी करना
आपसे प्यार कि चाहत
और छोटे बातों पर लड़ना
आप रूठे हम मनाये
आप खाएं हम खिलाएं
आपकी छोटी गलतियों पर
आप डरें और मुझे हसाएं
मुझे याद है आपकी हर हरकत
कुत्तों से डरना फिर डर के चिल्लाना
साया मेरा लेके खुद को बचाना
फिर जोर से हँसाना मुझे भी हँसाना
हंसी आपकी जैसे झड़ने का पानी
हंस कर हाथो को जोड़ से हिलाना
कहकहे लगाके यूँ मुस्कुराना
गुस्सा में खुद पर यूँ बडबडाना
रूठ कर भी दूर ना जाना
जन्मदिन का केक भिजवाना
साथ में वो फूल कि बुके
भिजवाकर मुझे रुलाना
आज भी वो याद है
आपका प्यार आपका दुलार
तुम गए क्यूँ मुझे छोड़ कर
ऐ मेरे हमदम ऐ मेरे प्यार
मै जनता हूँ सायद कभी आप माफ़ ना करो मुझे
फिर भी १ कोशिश कर लेना
बहुत प्यार करता है ये BJ आपसे
सिर्फ १ मौका और देना
आपकी बिना ये पल हम गुजार ना सकेंगे
ज़िन्दगी कि रह को ना बिता सकेंगे
आपके बिना हम हैं अधूरे
पूरा किसी ख्वाब को कर ना सकेंगे
इन्ही सोचों में ना जाने कहाँ
दिल हो जाता है अक्सर गुम
मै जनता हूँ ऐ हमनशीं
दिल चुराने वाले हो
"सिर्फ तुम सिर्फ तुम"
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