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Saturday, April 16, 2011

28.आपकी याद दिलाती है


आपकी याद में तन्हा
आपकी यादों में खोया रहता हूँ 
गए आप क्यूँ मुझे छोड़कर 
सोच के रोया करता हूँ 

शायद वो थी आपकी वफाई
मैंने कि कुछ थी वेवफाई 
कुछ राजों को था मैंने छुपाया 
शायद इसीलिए कुछ पल आपके करीब आया 

डरता था कि हकीकत जान कर 
आप भी छोड़ दोगे मेरा हाथ  
कुछ सच छुपाके था मिला 
आपका वो खुबसूरत साथ 

आपके बिना ना मर पाया 
नहीं ही चैन से जिया है 
मिल चुकी थोड़ी सजा
जो गलती BJ ने किया है 

आ जाओ लौट कर बहार बनके 
१ एहसान और कर दो 
सुनी पड़ी है ज़िन्दगी मेरी
फिर से इसे रौशन कर दो 

आपकी अनदेखी अब  मुझे 
अक्सर ही रुलाती है 
आपका हँसना और हँसाना 
आपकी याद दिलाती है 

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