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Saturday, April 16, 2011

25.BJ के ख्यालों में आने वाली


वो बलखाती तितली सि
नादान सि वो भोली भाली
हंसती  तो झुक जाते उसके लट
जैसे बसंत में आम कि डाली 
            उसका हँसना मुस्कुराना 
            जिद करना फिर इतराना
             अल्हड़पन में कुछ कर जाना
           फिर घबराना और शरमाना
कोयल जैसी बोली उसकी
हिरनी जैसी चाल
हज़ार पर्दों के जैसे
उसके सुनहरे बाल
           वो कोई दीवानी सि होगी
            BJ के ख्यालों में आने वाली 
           रंग उसके दूध से सफ़ेद 
           गालों कि रंगत थोड़ी लाली
पता नहीं वो होगी कहाँ
उसका क्या है पता
सोचता हूँ जब कभी  ऐसा
पाता हूँ खुद को लापता

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